महात्मा गांधी

महात्मा गांधी भारत में राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन के एक उत्कृष्ट नेता थे। उनके सिद्धांत को गांधीवाद के रूप में जाना जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। वह जाति से बनिया थे। वह एक प्रतिष्ठित परिवार में पले-बढ़े। उन्होंने इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई की। उन्होंने 1891 से 1893 तक बॉम्बे (अब मुंबई) में एक वकील के रूप में काम किया। उन्होंने 1893 से 1914 तक दक्षिणी अफ्रीका में गुजरात ट्रेडिंग फर्म के कानूनी सलाहकार के रूप में काम किया। वहाँ अफ्रीका में उन्होंने भारतीयों के नस्लीय भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व किया। अफ्रीका में गांधी ने सत्याग्रह (अहिंसक प्रतिरोध) के अपने सिद्धांत को लागू किया। वे जनवरी 1915 में भारत लौट आए। भारत में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के करीब आ गए। वे 1919 में इसमें शामिल हुए। कुछ ही समय में वे इस पार्टी के सबसे प्रतिष्ठित नेता बन गए। गांधी ने 1919 से 1922 तक भारत में जन राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया। कई अवसरों पर उन्होंने लोगों से ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने उन्हें अहिंसक रहने का सुझाव दिया। महात्मा गांधी ने गरीबों के विकास के लिए काम किया। उन्होंने हाथ कताई और बुनाई के पुनरुद्धार के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने अस्पृश्यता को दूर करने का प्रयास किया। महात्मा गांधी को कई बार गिरफ्तार किया गया और जेल भी भेजा गया। वे कई बार ब्रिटिश शासन के खिलाफ भूख हड़ताल पर गए। 1942 में उन्होंने 'भारत छोड़ो' का नारा दिया। वह राष्ट्र के विभाजन के कारण दुखी थे। उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों की एकता का आह्वान किया। 30 जनवरी, 1948 को उनकी हत्या कर दी गई। महात्मा (महान आत्मा) 1919 से 1947 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक नेता बने रहे। उनके मार्गदर्शन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक जन दल बन गई। भारतीयों के बीच उनकी जबरदस्त लोकप्रियता थी।
Sandal S Anshu, Satna

Comments

Popular posts from this blog

God Sees the Truth, but Waits: Objective Questions

English Language & Indian Culture (BA I Yr.- FC: English)- Objective Type Question-Answer of all Five Lessons

The Axe: Objective Type Questions